मनोचित्रण का विज्ञान (ScienceOf Visualization)
मनोचित्रण(Visualization):- मनोचित्रण(Visualization) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम किसी भी घटना , परिस्थिति या संयोग का चल चित्र अपने मन में चलाते है ।मनोचित्रण(Visualization) अर्थात कल्पना , कल्पना मतलब मनोचित्रण(Visualization) करना । जब हम किसी घटना या वस्तु का मन में चित्र देखते है या चित्र तैयार करते है उसे ही मनोचित्रण(Visualization) कहते है । इंग्लिश में इसे (Visualization) कहते है ।
हम
लोग मनोचित्रण(Visualization) कैसे
करते है। चलिये समझते है।
सबसे
पहले हम उन लोगो की बात करते है जिनके लिए मनोचित्रण(Visualization) उनके
कार्य का मुख्य आधार है ।
(1) चित्रकार :- जब एक चित्रकार कोई चित्र बनाता है तो सबसे पहले वह चित्र उसके मन में बनता है।वह भी मनोचित्रण (Visualization) करता है । उस चित्र के सारे पहलू जैसे रंग , आकार आदि सब उसके मन में पहले तैयार होते है । तब जाके वह चित्र वास्तविक रूप में बन के तैयार होता है । मन में ही चित्र को बनाने की प्रक्रिया को मनोचित्रण (Visualization) कहते है ।
(2) शिल्पकार:- जब कोई शिल्पकार किसी पथ्थर को देखता है तब उसके
मन में एक मूर्ति आकार लेने लगती है । और मन में जिस तरह की मूर्ति वो बनाता है
ठीक वही मूर्ति वास्तविक रूप में बन के सामने आती है । और अंत में वह पथ्थर एक
खूबसूरत मूर्ति के रूप में सामने आता है ।
शिल्पकार सबसे पहले मन में ही उसके हाथ ,पैर
, सर,
रंग, आकार,
बना लेता है । मन में ही मूर्ति को बना लेने की प्रक्रिया को हम मनोचित्रण(Visualization) कहते
है ।
(3) कोरियोग्राफर:- जब कोई नृत्य निर्देशक किसी नृत्य को कराता है तो
सबसे पहले उस नृत्य के सारे सीक्वेंस,स्टेप्स
वह अपने मन में ही देखता है अर्थात उस नृत्य का मनोचित्रण(Visualization) करता है । उसके मन में उस नृत्य का लय ,
गति ,स्टेप्स आदि कई बार हो
चुका होता है । नृत्य के सारे पहलू उसके मन में पूरी तरह उतर चुका होता है । जो
बाद में मंच पे (स्टेज) एक performance
के रूप में सामने आती है ।
( मन में चलने वाले चल चित्रो को ही हम मनोचित्रण(Visualization) कहते
है।)
किसी
भी वस्तु, घटना
आदि का सृजन सबसे पहले मन में होता है । और यही मन में होने वाली सृजन की
प्रक्रिया को हम मनोचित्रण(Visualization) कहते है ।
दुनिया
का हर आदमी मनोचित्रण(Visualization) करता
है । जाने अनजाने चाहते हुये या न चाहते हुये । और बाद में अगर वह सारी चीजों को
अपने जीवन में आकर्षित करता है ।
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