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Thursday, 29 October 2020

DRDO Kya Hai? – डीआरडीओ की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में।

 

DRDO Kya Hai? – डीआरडीओ की सम्पूर्ण  जानकारी हिंदी में।



DRDO Ka Full Form

Defence Research and Development Organization

भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

डीआरडीओ क्या है (What is DRDO in Hindi), डीआरडीओ का मतलब क्या होता है (Meaning of DRDO in Hindi), DRDO Details in Hindi जानने के लिए आप सब भी बहुत उत्सुक होंगे तो इस लेख में हमारे साथ बने रहिये और डीआरडीओ की पूरी जानकारी पाइये।

DRDO Kya Hai (डीआरडीओ क्या है)

DRDO (Defence Research and Development Organization) एक भारतीय संगठन है। जो भारत की (Defence Power) सुरक्षा शक्ति को मज़बूत बनाने के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है।भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का भारत की (Defence Power) सुरक्षा शक्ति को मज़बूत बनाने सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। DRDO भारत की रक्षा शक्ति से संबंधित रिसर्च करती है और देश के रक्षा तंत्र को मज़बूत बनातीहै। यह विश्व स्तर के आधुनिक हथियारों और उपकरणों के उत्पादन करती है जिससे भारत को हथियारों और सुरक्षा उपकरणो के क्षेत्र मे आत्मनिर्भरता होता जा रहा है।

 

इसकी  की स्थापना 10 प्रतिष्ठानों और प्रयोगशालाओं से हुई परन्तु वर्तमान में 51 

प्रयोगशाला है; जो इलेक्ट्रॉनिक, रक्षा उपकरण आदि के क्षेत्र में कार्यरत है।

DRDO का उद्देश्य भारत को (World Class) विश्वस्तरविज्ञान और तकनीकी से मज़बूत आधार प्रदान कर और सुरक्षा के क्षेत्र सेवाओ को और मजबूत बनना है।

              DRDO Ke Bare Me Jankari Hindi Me

                     DRDOKi History( डीआरडीओकाइतिहास)

(DRDO Ka Itihas)डीआरडीओ का इतिहासबहुतपुराना है। DRDO की स्थापना (DRDO Ki Sthapna) 1958 में भारत की सैन्य शक्ति को मज़बूत बनाने के लिए की गयी थी और तब इसे भारतीय थल सेना और रक्षा विज्ञान के तकनीकी विभाग के रूप में स्थापित किया गया।

यह संस्था रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है। डीआरडीओ के वर्तमान अध्यक्ष ‘डॉ.इस.सतीशरेड्डी’ है। डीआरडीओ का मुख्यालय दिल्ली राष्ट्रपति भवन के निकट है। डीआरडीओ का मोटो “बलस्यमूलंविज्ञानम” है। यानि “शक्ति का आधार विज्ञान है।” अंग्रेजी में इसे “Strength’s Origin is in Science” कहा जाता है।

भारत सरकार के रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जो सामान्य अनुसंधान और विकास के निदेशक तथा रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव होते है, के द्वारा इस संगठन का नेतृत्व किया जाता है।

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