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Sunday 25 October 2020

October 25, 2020

मनोचित्रण(Visualization) कैसे करते है ।

संयोगो का सृजन कैसे होता है । 

या 

मनोचित्रण(Visualization) कैसे करते है ।

स्टेप 1:- 

हम जो भी देखते, सुनते है वोहमारे अर्ध जाग्रत मन में छप जाते है । अर्थात वो सभी हमारे अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) मे चला जाता है ।  इस तरह इसके पास अच्छे बुरे चित्र को हम लगातार भेजने का काम करते है । हमारे द्वारा जो भी संदेश हमारे अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) को भेजे जाते हैं। वो सभी जानकारियो को अपने पास संग्रहीत करता है।
 
 

स्टेप 2:-

 चित्र रूप में बार- बार मिलने वाली सत्य या असत्य जानकारी को हमारा अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind )स्वीकार कर लेता है और उन्हे वास्तविक समझने लगता है । अर्थात जो जानकारी हमारे अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind )मे जाते रहते है उसे हमारा अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind )वास्तविक मानने लगता है ।

 


स्टेप 3:-  

हमारा अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) जिन बातों और घटानाओ को सच करता है । उन्हे हमारा अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) अपने पास संग्रहीत करने लगता है  अर्थात हमारे अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind )स्वीकार की गयी सभी सूचना को अपने पास संग्रहीत करके रखता है ।

 

 


 

स्टेप 4(a) :- 

जिस तरह की जानकारी और सूचना अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind )के पास जमा होती है वह हमें उसी तरह प्रभावित करने लगता है । अर्थात यदि हम अपने लाभ और हितकारी सूचनाओको जमा करते है तो वह हमे लाभ और हितकर करने के लिए कार्य करता है और यदि सूचना हमारे लिए अहित कर और विनाशक हो तो वह उस कार्य मे लग जाता है ।

 


स्टेप 4(b):-

अगर सूचना अच्छी है हमारा अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) अच्छे ढंग से और बुरी है तो हमारा अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) बुरे ढंग से यह हमें प्रभावित करना शुरू कर देता है ।

ये अपने विचारो को प्रभावित करने लगता है ।

ये अपने भावनाओ को प्रभावित करने लगता है ।

ये हमारी शारीरिक क्रियाओ को प्रभावित करने लगता है । 

 ये अपने व्यवहार को प्रभावित करने लगता है ।

visualization


स्टेप 5:-

इसमे संग्रहीत चित्रों के अनुसार हम विचार करने लगते है ।

ये विचार जैसे होते है वैसी ही वस्तुएं,घटनाएँ और लोगो को जिंदगी में आकर्षित करने लगते है ।

 हमारा शरीर भी हमारे अर्धजाग्रत मन (Sub-Conscious Mind )   के द्वारा संग्रहीत चित्र के अनुसार ही कार्य करने लगता है ।    

 और जिस तरह के कार्य हम करते है परिणाम भी उसी अनुसार मिलने लगते है । 

October 25, 2020

मनोचित्रण का विज्ञान (ScienceOf Visualization)


मनोचित्रण का विज्ञान (ScienceOf Visualization)


मनोचित्रण
(Visualization)
:- मनोचित्रण(Visualization)  वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम किसी भी घटना , परिस्थिति या संयोग का चल चित्र अपने मन में चलाते है ।मनोचित्रण(Visualization) अर्थात कल्पना , कल्पना मतलब मनोचित्रण(Visualization) करना । जब हम किसी घटना या वस्तु का मन में चित्र देखते है या चित्र तैयार करते है उसे ही मनोचित्रण(Visualization) कहते है । इंग्लिश में इसे (Visualization) कहते है ।

 

हम लोग मनोचित्रण(Visualization) कैसे करते है। चलिये समझते है।

सबसे पहले हम उन लोगो की बात करते है जिनके लिए मनोचित्रण(Visualization) उनके कार्य का मुख्य आधार है ।








(1)    
चित्रकार :- जब एक चित्रकार कोई चित्र बनाता है तो सबसे पहले वह चित्र उसके मन में बनता  है।वह भी मनोचित्रण (Visualization)  करता है । उस चित्र के सारे पहलू जैसे रंग , आकार आदि सब उसके मन में पहले तैयार होते है । तब जाके वह चित्र वास्तविक रूप में बन के तैयार होता है । मन में ही चित्र को बनाने की प्रक्रिया को मनोचित्रण (Visualization)  कहते है ।

 




(2)     शिल्पकार:- जब कोई शिल्पकार किसी पथ्थर को देखता है तब उसके मन में एक मूर्ति आकार लेने लगती है । और मन में जिस तरह की मूर्ति वो बनाता है ठीक वही मूर्ति वास्तविक रूप में बन के सामने आती है । और अंत में वह पथ्थर एक खूबसूरत मूर्ति के रूप में सामने आता है ।

शिल्पकार सबसे पहले मन में ही उसके हाथ ,पैर , सर, रंग, आकार, बना लेता है । मन में ही मूर्ति को बना लेने की प्रक्रिया को हम मनोचित्रण(Visualization) कहते है ।




(3)     कोरियोग्राफर:- जब कोई नृत्य निर्देशक किसी नृत्य को कराता है तो सबसे पहले  उस नृत्य के सारे सीक्वेंस,स्टेप्स वह अपने मन में ही देखता है अर्थात उस नृत्य का मनोचित्रण(Visualization)  करता है । उसके मन में उस नृत्य का लय , गति ,स्टेप्स आदि कई बार हो चुका होता है । नृत्य के सारे पहलू उसके मन में पूरी तरह उतर चुका होता है । जो बाद में मंच पे (स्टेज) एक performance के रूप में सामने आती है ।
( मन में चलने वाले चल चित्रो को ही हम मनोचित्रण
(Visualization) कहते है।)

 

किसी भी वस्तु, घटना आदि का सृजन सबसे पहले मन में होता है । और यही मन में होने वाली सृजन की प्रक्रिया को हम मनोचित्रण(Visualization)   कहते है ।

 


दुनिया का हर आदमी मनोचित्रण(Visualization) करता है । जाने अनजाने चाहते हुये या न चाहते हुये । और बाद में अगर वह सारी चीजों को अपने जीवन में आकर्षित करता है ।


Saturday 24 October 2020

October 24, 2020

मन या मस्तिष्क का विभाजन

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मन या मस्तिष्क का विभाजन

हमारे मन या मस्तिष्क को कार्य के आधार पर हम दो हिस्सो मे बात सकते हैं। 

हम इसे चेतन ( Conscious Mind) और अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) हम इसे अलग अलग नामो से भी जानते हैं-जाग्रत मन और अर्ध जाग्रत मन , सतही और गहरा मन ,स्वैच्छिक और अनैच्छिक मन आदि ।हमारे मन या मस्तिष्क के दोनों हिस्से अपनी विशेषता और शक्तियाँ है।

चेतन मन ( Conscious Mind)

यह मन या मस्तिष्क का तार्किक क्रियाओ का संचालन करता है। अर्थात हमारे चेतन मन

(Conscious Mind) हमारे सभी बौद्धिक कार्यो को संचलित करता है । यदि किसी तरह का निर्णय( decision) , पसंद(like) ,तर्क(logical)  , सवाल करना ( put Question) आदि सभी कार्यो चेतन मन ( Conscious Mind)  को करता है






चेतन मन ( Conscious Mind ) के कार्य:-

1.     सभी बौद्धिक कार्य करता है।(Mind Logical )

2.     निर्णायक मन होता है।(Decision Taker)

3.     पसंद और ना पसंद करना ।(Like and Dislike)

4.     तर्क करना ।(Put Logic)

5.     सवाल करना ।(Put Question )

 

अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ):-

हमारा अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) यह शरीर के बहुत सी क्रियाओ को नियंत्रित करता है । अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) मुख्यत आदतों का मूल कारण होता है।ये बार -बार सूचनाओ को पाकर उस बात को संचालित करता है। जैसे -श्वास का लेना हृदय का धड़कना , खून का संचरण , पाचन क्रिया , पलको का झपकना आदि।



अवचेतन मन  (Sub-Conscious Mind ) के कार्य:-

1.     आदतों का मूल कारण होता है।

2. बार -बार सूचना प्राप्त करके उसे सच मान लेता है।

3.  श्वसन क्रिया के संचालन मे।

4.  खून के संचरण क्रिया में।

5.  पाचन क्रिया के संचालन मे।

6.  शरीर के सभी संचालित कार्याओ के संचालन में ।

7.  यह स्थान और समय से मुक्त होता हैं।

8.  भावनाओ को प्रभावित करना ।